एक सुडौल, स्याही लगी किशोरी को चोरी करते हुए पकड़ा जाता है और उसे एक गंदे पुलिस वाले के सामने आत्मसमर्पण कर दिया जाता है। उसे कपड़े उतारने, तलाशने और उसे आनंदित करने के लिए मजबूर किया जाता है। वह कठोर सवारी का जवाब देता है, जिससे उसे उनके मुठभेड़ की दर्दनाक याद आती है।