जब मैंने अपने सौतेले भाई को सोफे पर लाउंज करते हुए देखा, तो वासना मुझसे आगे निकल गई। मैंने उत्सुकता से उसकी मर्दानगी को निगल लिया, फिर उस पर चढ़ाई की, हर पल का स्वाद लिया। हमारा चरमोत्कर्ष गर्म वीर्य का एक प्रलय था, जो मेरे आमंत्रित पिछवाड़े में रिस रहा था।