एक शरारती सुनहरे बालों वाली नन को एक सख्त पुजारी ने आत्म-भोग का आनंद लेते हुए पकड़ लिया। भावुक मुठभेड़ में शामिल होने के बजाय, उसने नियंत्रण कर लिया। उनका तीव्र, स्पष्ट सत्र उत्साह और उत्तेजना के साथ शुरू हुआ, जिससे अपराधबोध की कोई गुंजाइश नहीं रह गई।